चल, चल, धरतीवर उतरू
छुम छुम छननन नाच करू !
मी पहिली, ही दुसरी !
मी दुसरी, ही तिसरी !
सुंदर पंख हळू पसरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
रात पडे, चांद चढे,
ओरडती रातकिडे,
हलती, डुलती तालतरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
गवत किती मउ हिरवे !
चल, मिळवू हळु तळवे,
लगबग लगबग हात धरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
गगन वरी नाच करी,
जग अवघे फेर धरी !
नाच आमुचा होय सुरु,
छुम छुम छननन नाच करू !
घ्या गिरकी, घ्या फिरकी,
पूर्व दिशा हो भुरकी !
दहिवर दिसता परत फिरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
— ग. ल. ठोकळ
छुम छुम छननन नाच करू !
मी पहिली, ही दुसरी !
मी दुसरी, ही तिसरी !
सुंदर पंख हळू पसरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
रात पडे, चांद चढे,
ओरडती रातकिडे,
हलती, डुलती तालतरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
गवत किती मउ हिरवे !
चल, मिळवू हळु तळवे,
लगबग लगबग हात धरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
गगन वरी नाच करी,
जग अवघे फेर धरी !
नाच आमुचा होय सुरु,
छुम छुम छननन नाच करू !
घ्या गिरकी, घ्या फिरकी,
पूर्व दिशा हो भुरकी !
दहिवर दिसता परत फिरू,
छुम छुम छननन नाच करू !
— ग. ल. ठोकळ
1 comment:
एकदम पहिलीच्या वर्गात मन गेलं
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